अन्धन्तमः
प्रविशन्ति ये विध्यामुपासते ।
ततो भूय इव ते तमो
य उ विध्यायां रताः II 12 II
भौतिकता का
ज्ञान जरूरी
किन्तु नहीं यह
अंतिम छोर
जीवन में आगे
बढ़ने को
यह तो है बस
साधन डोर
ज्ञान शास्त्र
का भी आवश्यक
किन्तु नहीं यह
पूरण इष्ट
चिंतन बढ़ता
स्वाध्याय से
चिंतन से मिलता
अभीष्ट
अंधकार में पड़े
हुए वो
जो भौतिकता तक सीमित
उससे गहन अँधेरे
में वो
डूबे ग्रंथों
में नियमित
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