सुधी पाठकों ! वेद-सार में संस्कृत में लिखे मंत्र वेदों और वेदों पर आधारित पुस्तकों से लिए गए हैं .फिर भी ट्रांस लिट्रेसन के कारण छोटी मोटी त्रुटि संभव है . वेद मन्त्रों के अर्थ संस्कृत के बड़े बड़े विद्वानों द्वारा किये गए अर्थ का ही अंग्रेजीकरण है . हिंदी की कविता मेरा अपना भाव है जो शब्दशः अनुवाद न होकर काव्यात्मक रूप से किया गया भावानुवाद है . इस लिए पाठक इस ब्लॉग को ज्ञान वर्धन का साधन मानकर ही आस्वादन करें . हार्दिक स्वागत और धन्यवाद .



Monday, August 16, 2010

ईश अर्चना

Listen to Audio of Mantra, English Text and Musical Hindi Bhajan


ओम दोषो आगाद् वृहद गाय धुमद गामन्नर्थवण । स्तुहि देवं सवितारं । - सामवेद

O man! Whenever you are surrounded by darkness and evils, pray to the creator. Sing his praise when you are in the crisis of shortages in your life . Only he is all light and is a true teacher.


हे मानव ! हे मानव ! तू ईश्वर की स्तुति कर !

जब दूर तलक दुःख के बादल छाये हों
जब घोर अँधेरे जीवन में आये हों
तब दोनों हाथ जोड़ कर के
तू ईश्वर की स्तुति कर !

जब भी अभाव की चिंताएं घेरे हों
पापों की तरफ कदम बढ़ते तेरे हों
तब दोनों आँख मूँद कर के
तू ईश्वर की स्तुति कर !

जब मन के दोषों से चाहो छुटकारा
मन में छेड़ो प्रभु चिंतन का इकतारा
फिर मन में खुशियाँ भर कर के
तू ईश्वर की स्तुति कर !

2 comments:

  1. can we get links andreferences like which shloka is this,like no. and word meanings, ANVAYA etc...
    This SAMVED sloka must be very soothing while listening. May be even singing with proper meter, vibrations.

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  2. ब्लाग जगत में आपका स्वागत है।
    आशा है कि आप अपने लेखन से ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।



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