तदेजति तन्नैजति तद्दूरे तदु अन्तिके I
तदन्तरस्य सर्वस्य तदु सर्वस्यास्य
बाह्यतः II 5 II
He, the Supreme Lord, moves all without moving
himself; is extremely far yet extremely near; he is inside all yet outside
everyone.
वह चल रहा , वो चलायमान
वो थमा हुआ है विद्यमान
जो चला रहा ब्रह्माण्ड को
जो जानता हर कांड को
जो है दूर यूँ दिखता नहीं
वो है पास पर मिलता नहीं
वो घुला हुआ है जगत से
पर भी अलग है जगत से
No comments:
Post a Comment