औम् यः तिष्ठति चरित, यः च वञ्चति, यः निलयं चरति , यः प्रतकं I
द्वौ संनिषध्य यत् मन्त्रयेते ,राजा तद् वेद वरुणः तृतीयः II
अथर्व ४/१६/२
You are being watched when you move, when you stand or even when you ar up to some mischief .When two persons are in a private discussion or to conspire against someone , there is a third who is present there. They do not realise that the third invisible is God who is aware of everything .
संसार चलता जा रहा , सागर मचलता जा रहा
हैं कौन ये सब कर रहा , कोई तो है, कोई तो है I
वह चल रहा , वह फिर रहा, फिर भी है वो स्थिर रहा
वह हर कहीं छाया हुआ, कोई तो है , कोई तो है I
हम कर रहे कुछ गुप्त है , वह देखता पर लुप्त है
कुछ भी नहीं जिससे छुपा , कोई तो है कोई तो है
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